नई अमेरिकी एच-1बी वीज़ा शुल्क वृद्धि हजारों भारतीय पेशेवरों के अमेरिकी सपनों को पटरी से उतार रही है, जिससे मेघना गुप्ता जैसी व्यक्तियों और टीसीएस जैसी कंपनियों पर असर पड़ रहा है। लागत में भारी वृद्धि, $2,000 से $100,000 तक, अमेरिकी फर्मों को स्थानीय भर्ती को प्राथमिकता देने के लिए मजबूर कर रही है, जिससे कुशल श्रमिकों के लिए एक प्रमुख मार्ग बंद हो सकता है। जहां भारत 'ब्रेन ड्रेन' का सामना कर रहा है, वहीं अमेरिका प्रतिभा और नवाचार के संभावित नुकसान का सामना कर रहा है, जिससे कई भारतीय पेशेवर अब अपनी करियर योजनाओं पर पुनर्विचार कर रहे हैं।
Reviewed by JQJO team
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