दिवाली के बाद दिल्ली एक जहरीली धुंध में जाग गई, क्योंकि पटाखों ने "हरे" पटाखों और समय पर अदालती सीमाओं का उल्लंघन किया। मंगलवार को शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक 360 था—"बहुत खराब"—कुछ इलाकों में विश्व स्वास्थ्य संगठन के 24 घंटे के पीएम2.5 दिशानिर्देश से लगभग 24 गुना अधिक मापा गया। धीमी हवाओं, पराली जलाने और वाहनों से होने वाले उत्सर्जन ने धुंध को और बढ़ा दिया। संवाददाताओं ने आधी रात के बाद भी पारंपरिक पटाखों की बिक्री देखी और आतिशबाजी होती देखी। बीबीसी के एक पत्रकार ने धुएं, राख के स्वाद और गायब होते क्षितिज का वर्णन किया। अधिकारियों ने सख्त प्रदूषण विरोधी प्रतिबंधों को सक्रिय किया, जबकि निवासियों ने इस्तीफे का भाव व्यक्त किया।
Reviewed by JQJO team
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