द लैंसेट में प्रकाशित और बर्लिन में प्रस्तुत ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज अध्ययन के अनुसार, पूर्वी यूरोप में युवा वयस्क मृत्यु दर बढ़ रही है, भले ही वैश्विक मृत्यु दर गिर रही हो। 2011 से 2023 तक 15-19 वर्ष और 20-24 वर्ष के आयु वर्ग के लोगों में मृत्यु दर 54% और 40% तक बढ़ गई, जिसका मुख्य कारण नशीली दवाओं का सेवन, आत्महत्या, एचआईवी, व्यक्तिगत हिंसा, संघर्ष और आपदाएं हैं। रिपोर्ट में दुनिया भर में चिंता (63% की वृद्धि) और अवसाद (26% की वृद्धि) में वृद्धि को दर्शाया गया है, और गैर-संचारी रोगों की ओर बदलाव की चेतावनी दी गई है। हालांकि 1950 से वैश्विक मृत्यु दर में 67% की गिरावट आई है, फिर भी लेखकों ने बढ़ते जोखिमों को कम करने के लिए लक्षित सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्रवाई का आग्रह किया है।
Reviewed by JQJO team
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